Republic Day 2024 | गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस में जानिये मुख्य चार अंतर व पढ़े और भेजे अपने करीबियों को गणतंत्र दिवस की प्यारी शायरी
Republic Day 2024 गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस राष्ट्रीय उत्सव हैं। दोनों ही दिन देशभक्त देशभक्ति में गुम हो जाते हैं | इस दिन लोग स्वतंत्रता सेनानियोंऔर राष्ट्र के निर्माता को याद करते हैं और उनके बलिदानों को भी याद करते हैं | जहां गणतंत्र दिवस पर लोगों को भव्य परेड का इंतजार रहता है तो वहीं स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्रचारी से प्रधानमंत्री के राष्ट्र के नाम संबोधन का। बड़ा देश आज गणतंत्र दिवस का जश्न बनाने के लिए तैयार है| 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान का संविधान लागू हुआ था इसीलिए 26 जनवरी को हर साल गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है क्योंकि इसी दिन भारत गणतंत्र हुआ था|
क्या आप जानते हैं कि गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रीय ध्वज को फहराने के नियम और तरीके अलग-अलग हैं। अगर नहीं तो चलिए हम आपको बताते हैं कि कि गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस पर ध्वजारोहण के अंतर ? दोनों ही अवसर पर देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत देशवासी जश्न मनाते हैं। स्वतंत्रता सेनानियों और राष्ट्र निर्माताओं के महान बलिदान व योगदान को याद करते हैं।
जहां गणतंत्र दिवस पर लोगों को भव्य परेड का इंतजार रहता है तो वहीं स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्रचारी से प्रधानमंत्री के राष्ट्र के नाम संबोधन का इंतजार रहता है| गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस- दोनों ही अवसर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है, उसका सम्मान किया जाता है, लेकिन दोनों के तौर-तरीके बहुत अलग होते हैं। राष्ट्रीय की स्थिति मायने रखती है।
- गणतंत्र दिवस पर झंडा फहराने से पहले उसे बांधकर पोल के शीर्ष पर बांध दिया जाता है, जब राष्ट्रपति डोरी खींचते हैं तो वह फहरने लगता है। इसे झंडा बंधन या झंडा फहराना (अन्फर्ल) कहा जाता है। वही स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने से पहले उसे बांधकर पोल (खंभे) के पास रखा जाता है। जब प्रधानमंत्री राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए डोरी खींचते हैं तो पहले तिरंगा ऊपर उठता है और फिर फहराता है, इसे ध्वजारोहण कहते हैं।
- प्रधानमंत्री करते हैं ध्वजारोहण स्वतंत्रता दिवस पर और राष्ट्रपति फहराते हैं झंडा गणतंत्र दिवस पर I
- जब देश आजाद हुआ था, तब तत्कालीन प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू ने ब्रिटिश सरकार का झंडा उतारकर भारत के झंडे को ऊपर चढ़ाकर फहराया था। उस वक्त भारत का कोई आधिकारिक राष्ट्रपति नहीं था। उस वक्त लॉर्ड माउंटबेटन भारत के गर्वनर थे, लेकिन वे ब्रिटिश सरकार के अफसर थे। इसलिए यह प्रधानमंत्री ने किया था। जब डॉ. राजेंद्र प्रसाद देश के पहले राष्ट्रपति बने तो उन्होंने 26 जनवरी, 1950 को पहले गणतंत्र दिवस पर झंडा फहराया, उस वक्त राष्ट्रीय ध्वज पहले से ही ऊपर बंधा था तो उसे खोलकर फहराया गया था, ऊपर उठाकर नहीं। तब से हर साल गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रपति झंडा फहराते हैं।
- स्वतंत्रता दिवस ध्वजारोहण लाल किले की प्राचीर से किया जाता है, जबकि गणतंत्र दिवस तिरंगा राजपथ पर फहराया जाता है। 26 जनवरी को राष्ट्रपति ध्वज फहराते हैं, जबकि 15 अगस्त पर देश के प्रधानमंत्री ध्वजारोहण करते हैं। गणतंत्र दिवस के अवसर पर दूसरे देश के राजनयिकों को आमंत्रित किया जाता है, जबकि स्वतंत्रता दिवस पर किसी भी अतिथि को नहीं बुलाया जाता है।
अगरआप दोस्तों और करीबियों को मैसेज भेजना चाहते हैं तो देशभक्ति की भावना से भरे ये संदेश भेजकर गणतंत्र दिवस की बधाई दे सकते हैं.
- न सरकार मेरी है, न रौब मेरा है,
न बड़ा सा नाम मेरा है,
मुझे बस एक छोटी सी बात का अभिमान है,
मैं हिंदुस्तान का हूं, और हिंदुस्तान मेरा हैं.
गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं
- न भूलेगा देश कभी वह नजारा,
जब शहीदों के दिल में जल रही थी ज्वाला,
उनकी लहू धारा में बहकर किनारे पर पहुंची आजादी,
चलो आज उन वीर सपूतों को मिलकर करें हम नमन.
गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं - आओ झुककर सलाम करें उन्हें,
जिनके हिस्से में ये मुकाम आता है,
खुशनसीब होता है वो खून,
जो देश के काम आता है. - भारत के उन वीरो को सलाम,
जिन्होंने देश के लिए दिया प्राणों का बलिदान.
अमर शहीदों से देश के हर बेटे का है वादा,
लहू बहाकर भी हम करेंगे देश की हिफाजत,
गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं. - कुछ नशा तिरंगे की आन का है,
कुछ नशा मातृभूमि की शान का है,
हम लहराएंगे हर जगह ये तिरंगा,
नशा ये हिंदुस्तान की शान का है.
गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं - भारतीय होने पर करो गर्व,
मिलकर मनाओ लोकतंत्र का पर्व,
देश के दुश्मनों को मिलकर हराओ,
हर घर में तिरंगा लहराओ.